माँ - सपना सब अच्छे से तैयारी कर ली न बेटा ?लड़के वालों के सामने कोई कमी न रह जाय।जी, माँ सब तैयारी कर ली मैंने।कपड़े भी निकाल कर अलग रख लिए । विजय के सामने कोई भी ऐसी वैसी…
हिन्दी सामाजिक कहानी: समय के साथ सोच भी बदलो (Samay Ke Sath Soch Bhi Badalo)
