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भावनाओं का संसार

भावनाओं का संसार

जीवन के पन्नों को बारीकी से सहेजने की कोशिश

poem(कविता)

kavita phasale कविता ‘फासले’

by Dr. Warsha
1 Comment

तुम्हें क्या लगता है किफासले नहीं हैं हमारे बीचमुझसे पूछो कि कितने फासले हैं हमारे बीचमन में तो हजार सवालें हैंपर जुबां पर खामोशी ही खामोशी हैस्पर्श से फासले खत्म नहीं होते जब मन और आत्मा मिलता है वहीं फासला…

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अनमोल वचन,सुविचार

अनमोल वचन ,सुविचार Anmol Vachan,Suvichar

by Dr. Warsha
April 3, 2022April 3, 2022 2 Comments

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Artical (लेख)

जगदीश चंद्र कृत उपन्यास ‘धरती धन न अपना’ दलितों की गाथा Dharti Dhan N Apna:Jagdish Chandra

by Dr. Warsha
July 12, 2021March 31, 2022 No Comments

जगदीश चंद्र द्वारा प्रकाशित उपन्यास 'धरती धन न अपना' 1972 में प्रकाशित हुई थी। इस उपन्यास में जगदीश चंद्र ने पंजाब के दोआबा क्षेत्र के दलित जीवन की त्रासदी को चित्रित क्या है। मुख्य गांव से बहिष्कृत बस्ती चमादडी में…

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Artical (लेख)

हिन्दी के विकास में दक्षिण भारतीय संस्थाओं का योगदान Hindi Ke vikas Me Dakshin Bhartiy Sansthaon Ka Yogdan

by Dr. Warsha
July 11, 2021March 31, 2022 No Comments

पूरे भारत को एकजुट होकर रहने के लिए किसी एक भाषा का होना अनिवार्य है। अनादि काल से ही भारत की संस्कृति समाज  एकमुखी होने के कारण वह विभिन्न भाषा-भाषी एवं धर्मावलंबी जन-समुदाय को एक सूत्र में बांधकर रखने में…

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प्रवासी साहित्य
Artical (लेख)

हिन्दी का प्रवासी साहित्य Hindi Ka Prawasi Sahitya

by Dr. Warsha
May 23, 2021May 26, 2021 No Comments

हिंदी साहित्य में स्त्री विमर्श, दलित विमर्श, आदिवासी विमर्श, किन्नर विमर्श के साथ-साथ प्रवासी विमर्श के मुद्दे भी उठाना आज बहुत ही आवश्यक हो गया है। 'प्रवास' शब्द 'वास' धातु में 'प्र' उपसर्ग लगाने से बना है। 'वास' का प्रयोग…

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Artical (लेख)

बुजुर्गों को समझने की जरूरत है Bujurgon Ko Samajhne Ki Jarurat Hai

by Dr. Warsha
May 4, 2021February 17, 2023 1 Comment

ऐसा कहा जाता है कि घर में बुजुर्गों का होना हमारे जीवन में  सही मार्गदर्शन का काम करता हैक्या ये बात 100%सही है। हम जिस समाज में रहते हैं, वहां आए दिन देखा जाता है कि बुजुर्गों के साथ कैसा व्यवहार…

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Artical (लेख)

संत रविदास (रैदास) Sant Ravidaas(Raidaas)

by Dr. Warsha
February 27, 2021February 27, 2021 1 Comment

संत रविदास (रैदास) उन महापुरुषों में से हैं जिन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने का काम किया। इन्हें जगतगुरु और सतगुरु उपाधियों से भी संबोधित किया जाता है।रैदास का जन्म काशी में संवत 1433 को हुआ था। यह…

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हजारी प्रसाद
Artical (लेख)

‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ उपन्यास का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:Banbhatt Ki Aatmkatha ka Etihasik Pariprekshy

by Dr. Warsha
February 19, 2021December 29, 2022 5 Comments

हजारी प्रसाद द्विवेदी एक ऐतिहासिक उपन्यासकार के रूप में ही जाने जाते हैं। 'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित पहला ऐतिहासिक उपन्यास है। इस उपन्यास का प्रकाशन 1946 में हुआ था। यह उपन्यास हर्षकालीन सभ्यता एवं संस्कृति…

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Artical (लेख)

अस्मितामूलक विमर्श Asmitamulak Vimarsh

by Dr. Warsha
January 3, 2021February 19, 2021 1 Comment

अस्मितामूलक विमर्श को जानने से पहले हम जानेंगे अस्मिता शब्द का अर्थ और स्वरूप-'आदर्श हिंदी शब्दकोश' में 'अस्मिता' शब्द के लिए आत्मश्लाघा, अहंकार मोह आदि अर्थ दिए गए हैं। आदर्श हिंदी कोश, सं. पं. रामचंद्र पाठक,64'अस्मि' शब्द अस+मिन बसे बना…

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Artical (लेख)

‘सरोज स्मृति’ शोक गीत:’सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’Saroj Smriti shok Git ‘Suryakant Tripathi Nirala’

by Dr. Warsha
October 22, 2020March 31, 2022 No Comments

'सूर्यकांत त्रिपाठी निराला' छायावादी युग के उन चार स्तंभों( जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा) में से एक हैं। इनकी ख्याति छायावादी कवि के रूप में ही है। इन्होंने साहित्यिक जीवन का प्रारंभ 'जन्मभूमि की वंदना' नामक कविता से किया…

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