जीतू- सृष्टि इतना क्यों रो रही हो? चुप भी हो जाओ अब। तुम अकेली ऐसी लड़की नहीं हो न जिसकी शादी हुई है? और तुम कोई पराए घर थोड़ी ना आई हो। यहाँ से तुम्हारा मायका 4घंटे की दूरी पर…
हिन्दी सामाजिक कहानी: सात फेरों की चुभन (Hindi kahani:saat Pheron ki Chubhan)
