"ओफ! बुढ़ापे में ये जिंदगी भी कितनी नीरस हो जाती है। कल्याणी के जाने के बाद दो पल पास बैठ कर बाते करने वाला कोई नहीं रहा। बहू अपने काम में रहती है। रोहित तो पूरे दिन कॉलेज में ही…
हिन्दी सामाजिक कहानी: हमें अकेला ना छोड़ो (Samaajik Kahani: Hamen Akela Na Chhodo)
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