काजल, “आर्यन बेटा, मैंने तुम्हारे पापा को मना लिया है।अब तुम सिंगर ही बनोगे। चलो अब यूरोप जाने की तैयारी कर लो। तुम्हारे लगन और जज्बे की वजह से ही तुम्हें यूरोप जाने का सुनहरा अवसर मिल रहा है।वैसे,तुम्हारे पापा इतना भी नाराज नहीं थे तुम्हे यूरोप जाने को लेकर।बस वो तुम्हें खुद से दूर नहीं भेजना चाहते।” काजल आर्यन के पिता आकाश जी से कहती है, “मुझे पता है जी, आप इस समय किस दौर से गुजर रहे हैं। एक तो आपके इलाज के लिए पैसों की जरूरत है, वहीं दूसरी तरफ आर्यन यूरोप जा रहा है। उसे भी इस समय पैसे देने जरूरी है। आपकी कशमकश मैं समझ सकती हूँ।आपकी बीमारी के बारे में अभी आर्यन से बोलना उचित नहीं होगा। वर्ना वो जाने से मना कर देगा और उसके सपने अधूरे रह जायँगे जो हमदोनों बर्दाश्त नही कर पाएंगे। उसे भेजने के लिए आपने कई लोगों से कर्ज भी ले ली है। ऐसी परिस्थिति में आपके इलाज का क्या होगा?मुझे बड़ी चिंता हो रही है जी।” आकाश पत्नी काजल को समझाते हैं कि, “कोई बात नहीं काजल। अपनी जिंदगी का क्या है। अब तो अपनी खुशी आर्यन से ही है। मेरा भी इलाज हो ही जाएगा। इतना क्यों सोचती हो तुम। तुम तो आर्यन को भेजने की तैयारी करो बस। देखना कोई कमी ना रहनी चाहिए। उसकी पसंद की सारी चीजें उसे दे देना।
आर्यन के यूरोप चले जाने से काजल और आकाश बिल्कुल अकेले पड़ जाते हैं। अब तो उन्हें प्रतिदिन इन्तेजार रहता आर्यन के कॉल का। काजल और आकाश फोन पर घंटों बातें करते आर्यन से।आर्यन, काजल और आकाश जी के साथ दोस्त की तरह रहता था। छोटी से छोटी बातें भी वो काजल और आकाश जी को बताया करता है। यूरोप जाने के बाद भी उसके बर्ताव में कोई कमी नहीं दिखी। वो काजल और आकाश जी से बेहद प्यार करता था।
आर्यन अपने सपने को लेकर बहुत उत्सुक था। उसे बस अब अपने सपने पूरे होने का इंतजार था। उसके सपने सिर्फ उसके अकेले के सपने नहीं थे। उसमें काजल और आकाश भी थे। उनके भी सपने थे कि आर्यन एक दिन कामयाब इंसान बने।
जैसे -जैसे दिन बितते जा रहा था आकाश जी की तबीयत बिगड़ते जा रही थी। उनके हाथ में इतने पैसे नहीं बचे थे कि वो अपना इलाज करवाए। बीमारी की वजह से उन्हें नौकरी से भी हाथ धोना पड़ गया। उनकी क्षमता अब नहीं बची थी कि उनसे कोई काम होता। उधर आर्यन के सपने पूरे होने का समय भी करीब आ गया था।
जैसे ही आर्यन को सेलेक्शन का पहला चेक मिला उसने सबसे पहले काजल और आकाश जी को बताया। आकाश जी को ऐसा लगा मानो उन्हें दुनिया की सारी खुशियाँ मिल गई हो। उन्हें इसी घड़ी का इन्तेजार था। उनकी कुर्बानी का फल आज प्राप्त हो ही गया। वो काजल से कहने लगे कि, “चलो अब हमारा आर्यन अपने पैरों पर हो गया। अब तुम्हें बुढ़ापे में आराम से रखेगा। जो इच्छा शायद मैंने पूरी नहीं कर पाई हो हमारा बेटा कर देगा पूरी। बस अब एक अच्छी सी लड़की देख कर उसकी शादी कर देना। यही एक इच्छा है मेरी। बोलते-बोलते आकाश जी ने अपनी आँखें सदा के लिए बंद कर ली।”
उधर आर्यन को पहला शो करने के लिए ऑफ़र आया। उसने सोचा ये मेरी कामयाबी की प्रथम सीढ़ी है। मम्मी-पापा के बिना मैं ये शो कैसे कर सकता हूँ। उसने सोचा क्यों न मम्मी-पापा को बुला लूँ।इसी बहाने उनका विदेश का दौरा भी हो जाएगा और मेरा पहला शो उनके साथ हो जायेगा। तभी आर्यन घर फोन करता है तो आर्यन की बात उसकी मम्मी से होती है। वो अभी आर्यन से कुछ नहीं बोलना चाहती थी। वो आर्यन को पूरी तरह कामयाबी की सीढ़ी पर चढ़ता देखना चाहती थी। उन्हें मालूम था कि पिता की सुचना मिलते ही आर्यन सब कुछ छोड़ कर घर आ जायेगा। इसीलिए वो आर्यन से कहती हैं कि, “बेटा मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं चल रही है। ऐसी हालत में तेरे पास आना थीक नहीं रहेगा। वैसे भी घंटों का सफर जहाज में बैठ कर नहीं हो पाएगा बेटा। हमलोग फिर कभी आएंगे। तेरी ये पहली कामयाबी है बेटा। हमलोगों का आशीर्वाद सदा तेरे साथ है।आज मैं और तेरे पापा बहुत खुश हैं बेटा। तूने अपने सपने को बड़ी शिद्द्त से पूरी की है। पापा बाजार गए हैं। बाद में तेरी बात करवाउंगी। बोलते-बोलते काजल की आँखे डबडबा गई।” आर्यन कहता है, “हाँ माँ, मैं भी बहुत खुश हूँ आज। आपकी और पापा की वजह से ही आज मैं इस मुकाम पर खड़ा हूँ। आज मैं शो के बाद सीधे एयरपोर्ट जाऊँगा। माँ, आज मैं घर आ रहा हूँ।”
आर्यन अपना शो करने के बाद घर जाने के लिए सीधे एयरपोर्ट जाता है। घर पहुँचते ही आर्यन को अपने पिता के बारे में पता चलता है तो वह स्तब्ध रह जाता है। वो माँ से कहता है, ” माँ, पापा हमारे बीच नहीं रहे और आपने मुझे बताया तक नहीं। यहाँ इतना कुछ हो गया। पापा इतने दिनों से बीमार चल रहे थे। उनकी नौकरी भी चली गई थी।ऐसी हालत में उन्होंने मेरे लिए इतने पैसों का इंतजाम कहाँ से किया होगा। मेरे सपने पूरे करने के लिए उन्होंने अपना इलाज तक नहीं करवाया। क्यों माँ क्यों? आपने भी मुझे कुछ नहीं बताया? आर्यन जैसे अपने आप में ही ना हो। काजल आर्यन से कहती है कि, “बेटा, तुम्हारे पापा ने मना किया था मुझे, तुझे कुछ नहीं बताने के लिए। वरना तू सब कुछ छोड़ कर आ जाता। वो तुझे कामयाबी की शिखर पर देखना चाहते थे। पिता थे न तेरे। बोलते-बोलते काजल आर्यन को पकड़ कर फुट-फुट कर रोने लगी।
डॉ.वर्षा कुमारी