'सूर्यकांत त्रिपाठी निराला' छायावादी युग के उन चार स्तंभों( जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा) में से एक हैं। इनकी ख्याति छायावादी कवि के रूप में ही है। इन्होंने साहित्यिक जीवन का प्रारंभ 'जन्मभूमि की वंदना' नामक कविता से किया…
‘सरोज स्मृति’ शोक गीत:’सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’Saroj Smriti shok Git ‘Suryakant Tripathi Nirala’
