poem(कविता) kavita phasale कविता ‘फासले’ by Dr. Warsha 1 Comment तुम्हें क्या लगता है किफासले नहीं हैं हमारे बीचमुझसे पूछो कि कितने फासले हैं हमारे बीचमन में तो हजार सवालें हैंपर जुबां पर खामोशी ही खामोशी हैस्पर्श से फासले खत्म नहीं होते जब मन और आत्मा मिलता है वहीं फासला… Read more