तुम्हें क्या लगता है किफासले नहीं हैं हमारे बीचमुझसे पूछो कि कितने फासले हैं हमारे बीचमन में तो हजार सवालें हैंपर जुबां पर खामोशी ही खामोशी हैस्पर्श से फासले खत्म नहीं होते जब मन और आत्मा मिलता है वहीं फासला…
kavita phasale कविता ‘फासले’

तुम्हें क्या लगता है किफासले नहीं हैं हमारे बीचमुझसे पूछो कि कितने फासले हैं हमारे बीचमन में तो हजार सवालें हैंपर जुबां पर खामोशी ही खामोशी हैस्पर्श से फासले खत्म नहीं होते जब मन और आत्मा मिलता है वहीं फासला…
अस्तित्व को तलाशती औरतऔरत एक संघर्ष हैजन्म से मृत्यु तक संघर्ष ही संघर्षना कोई अपना, ना कोई घर अपनाकभी मायके तो, कभी ससुरालमायके में सुना बेटी तो पराई होती हैससुराल में सुना, तू तो पराई हैमायके में पराई,ससुराल में भी…
शीर्षक- बेटी वरदान या अभिशाप(कविता)क्यों बेटी होना पाप है क्या?क्यों बेटी को दुनिया में आने नहीं देते हो,क्यों आने से पहले ही उसके कफन की तैयारी करते हो,जब पता चलता है कि कोख में बेटी है,क्यों घर मे मायूसी सी…
कविताशीर्षक- एक बेटी माँ के गर्भ में कहती हैओ माँ! मुझे जन्म नहीं लेना हैइस दरिंदगी भरे समाज में, मुझे नहीं आना हैक्या करेगी, तु मुझे जन्म देकरमेरे घर वाले तो, पहले ही मारने की तैयारी कर बैठे हैंमाँ, क्योंकि…
शीर्षक- बेटीबेटी ना सोच की, लोग क्या कहेंगेवो होगी तेरी सबसे बड़ी कमजोरीतुझे तो करने हैं अपने सारे सपने पूरेबस तू अपने लक्ष्य को देखऔर आगे कदम बढ़ाहमेशा अपने मन की सुनऔर उसे पूरा करतुझमे है इतनी ताकतकी पूरे विश्व…
शीर्षक- मैं भी नारीमैं भी नारी हूँकोई वस्तु नहीं।जब चाहा प्यार किया,जब चाहा नफरत की।जब चाहा सहारा दिया,जब चाहा बेसहारा किया।जब चाहा इज्जत की,जब चाहा इज्जत लूटी ।जब चाहा मान सम्मान दिया,जब चाहा बेइज्जत की।जब चाहा साथ निभाया,जब चाहा बीच…
शीर्षक- जिंदगी की हकीकतज़िन्दगी जैसी दिखती है,वैसी हकीकत में होती नहीं,जैसे लोग देखते हैं दूसरों को जीते हुएवो हकीकत होती नहीं ,चेहरे पर तो मुस्कान होता है उनकेपर किसे पता कि दिल में उनके कितना दर्द होता हैसुबह उठ कर…
शीर्षक- यह देश है वीरों काधन्य है वो माँ, जिसने वीरों को जन्म दियाधन्य है वो पिता, जिसने उसे वीर बनायाधन्य है ये देश, जहाँ वीरों का जन्म हुआदेश की रक्षा करते-करतेजाने वो कहाँ चले गएजन्मी है उस घर में…
शीर्षक- शब्द जिसे मैं लिखना चाहूँलिखना तो चाहती हूँ बहुत कुछइस जमाने के बारे मेंइस बेदर्द दुनिया के बारे मेंइस बेमतलबी दुनिया के बारे मेंजब भी हाथों में कलम उठाती हूँशब्दों को पन्नों में कैद करना चाहती हूँसाथ ही शब्दों…
कविता- ख्वाहिश कुछ कर गुजरने कीजिंदगी में कभी किसी की हर ख्वाहिश पूरी नहीं होतीजो चाहो वह हमेशा पूरी नही होतीजो हो जाती है बिन माँगे ही पूरीवो चाहत नहीं होती हैजिसे शिद्दत से चाहो वो कभी नसीब में नहीं…