आखिर वो दिना आ ही गया जब मिश्रा जी के घर में शहनाइयां बजने वाली ही है। पड़ोसियों को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था की आज मिश्रा जी के घर में इतनी चहल-पहल और साज-सज्जा क्यों है।…
हिन्दी सामाजिक कहानी: दरवाजे की घंटी(Hindi Samaajik Kahani:Darwaje Ki Ghanti)
