शीर्षक- जिंदगी की हकीकतज़िन्दगी जैसी दिखती है,वैसी हकीकत में होती नहीं,जैसे लोग देखते हैं दूसरों को जीते हुएवो हकीकत होती नहीं ,चेहरे पर तो मुस्कान होता है उनकेपर किसे पता कि दिल में उनके कितना दर्द होता हैसुबह उठ कर…
कविताओं में झलकती ज़िन्दगी की वास्तविकता(Kavitaaon Men Jhalakti Zindagi Ki Wastwikata)
