शीर्षक- शब्द जिसे मैं लिखना चाहूँलिखना तो चाहती हूँ बहुत कुछइस जमाने के बारे मेंइस बेदर्द दुनिया के बारे मेंइस बेमतलबी दुनिया के बारे मेंजब भी हाथों में कलम उठाती हूँशब्दों को पन्नों में कैद करना चाहती हूँसाथ ही शब्दों…
कविताओं में झलकती ख्वाहिशें kavitaon Men Jhalakti khawahishen
कविता- ख्वाहिश कुछ कर गुजरने कीजिंदगी में कभी किसी की हर ख्वाहिश पूरी नहीं होतीजो चाहो वह हमेशा पूरी नही होतीजो हो जाती है बिन माँगे ही पूरीवो चाहत नहीं होती हैजिसे शिद्दत से चाहो वो कभी नसीब में नहीं…