कुंवर नारायण जी का जन्म 19 सितंबर 1927 ई. में उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में हुआ था और इनकी मृत्यु 15 नवम्बर 2017 में हुई थी। कुंवर नारायण जी की मूल विधा कविता रही है, लेकिन उन्होंने कहानी, रंगमंच, सिनेमा, लेख, समीक्षा पर भी अपनी कलम मजबूत रखी थी। इनकी कई रचनाओं का विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। नई कविता आंदोलन के सशक्त हस्ताक्षर कुंवर नारायण अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तीसरा सप्तक’ 1959 के प्रमुख कवियों में से एक रहे हैं। इन्हें 2009 में वर्ष 2005 के लिए भारत के साहित्य जगत के सर्वोच्च सम्मान ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा 1995 में साहित्य अकादमी तथा 2009 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। कुंवर नारायण को अपने रचना में इतिहास और मिथक के जरिए वर्तमान को देखने के लिए जाना जाता है।
इनकी प्रकाशित कृतियां
कविता संग्रह :
चक्रव्यूह (1956),
तीसरा सप्तक (1959)
परिवेश:हम- तुम (1961)
अपने सामने (1979)
कोई दूसरा नहीं (1993)साहित्य अकादमी प्राप्त,1995
इन दिनों (2002)
कहानी संग्रह:- आकारों के आसपास (1973)
खंडकाव्य:- आत्मजयी(1965)
वाजश्रवा के बहाने (2008)
समीक्षा:-आज और आज से पहले(1998)
मेरे साक्षात्कार (1999)
साहित्य के कुछ अंतरविषयक संदर्भ (2003)
संकलन:- कुंवर नारायण संसार(चुनिंदे लेखों का संग्रह, 2002)
कुंवर नारायण उपस्थिति( चुनिंदे लेखों का संग्रह, 2002)
कुंवर नारायण चुनी हुई कविताएँ (2007)
कुंवर नारायण प्रतिनिधि कविताएँ (2008)
डॉ.वर्षा कुमारी