शायद ऐसी घटना औरों के भी साथ होती होगी। पर यहाँ मैं अपना अनुभव बताना चाहती हूँ।
दोस्तों एक बात जान लो कि दुनिया में असंभव नाम की कोई चीज है ही नहीं। शायद आप लोगों को ये बात मजाक लगे । ये मेरा अनुभव कहता है कि कोई भी कार्य शुरू में सभी को बहुत मुश्किल लगता है, पर हम उसे करना शुरू करते हैं तो वो आसान बनता जाता है। ये बिल्कुल सही बात है।आप लोग इसे एक बार तो अपने जीवन में जरूर आजमा के देखिये ।शायद एक छोटे से काम से आपका पूरा जीवन ही बदल जाए। मैं अपने जीवन में हर वो कार्य करना चाहती हूँ जहाँ मुझे लगता है कि यह मेरे लिए मुश्किल और असंभव है। जैसे-जैसे मैं उसे करते जाती हूँ वो आसान होते जाती है। आपको अपने जीवन में श्रेष्ठता हासिल करना है तो इन बातों को अपने जीवन में जरूर उतारें।
असंभव को सम्भव बनाने वाली महत्वपूर्ण बातें –
1.किसी काम को करने से पीछे ना हटें ।
2. हर वो काम करने की कोशिश करें, जो आपको लगे कि यह मेरे लिए अंसभव है।
3. अपना हौसला कभी डगमगाने ना दें ।
4. अपने आप पर विश्वास करना सीखें ।
5. कभी अपने आप को किसी से छोटा ना समझें ।
6. हमेशा ऐसा सोचें कि मुझे दूसरों के लिए प्रेरणा बनना है।
7. आप उनकी बातों को याद करें जो आपको हौसला और हिम्मत देते रहते हैं ।
8. अपने आप को किसी काम में व्यस्त रखने की कोशिश करें ।
9. सच्चाई के मार्ग पर चलें ।
10. सही गलत में फ़र्क समझने की सोच रखें ।
11. कठिन परिश्रम करने से ना डरे ।
आप इन बातों को अपना लेंगे तो जीवन मे कभी भी निराशा हाथ नहीं लगेगी।
मैंने ऐसा बहुतों के साथ देखा है कि वे कोई काम तो करना चाहते हैं जैसे,पढ़ना-लिखना,नौकरी करना या कोई बिजनेस शुरू करने की सोच…..
वे सोचते जरूर हैं, पर सोचने से ज्यादा डरते हैं कि क्या मैं पढ़ाई में अच्छा कर पाउँगा, क्या मैं नौकरी के इंटरव्यू में सारे प्रश्नों के उत्तर सही-सही दे पाउँगा,क्या मेरा बिजनेस चलेगा।
इत्यादि …..। आप सभी इतना जान लीजिये कि कोई भी व्यक्ति सब कुछ सीख कर जन्म नहीं लेता है। वे समाज,अपने अनुभव,मेहनत और अपनी लगन से ही कुछ हासिल करता है ।
इसका एक बड़ा उदाहरण मैं अपने ही जीवन का आपको देना चाहती हूँ।
मैं छठी कक्षा से ही एक सपना देखती थी कि मैं भी किसी बड़े विश्वविधालय में पढ़ाऊंगी। जिसके लिए मुझे पी.एच.डी. जैसी उच्च स्तरीय शिक्षा ग्रहण करनी पड़ेगी। पर मुझे पता था कि ये संभव नहीं है । क्योंकि मैं जिस जिले से थी वहाँ पी.एच डी. जैसी उच्च स्तरीय शिक्षा की कोई सुविधा नहीं थी । मैं यह भी जानती थी कि मैं किसी दूसरे शहर जा कर भी शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकती। क्योंकि हमारे घर का वातावरण वैसा नहीं था जहाँ लड़कियों को अकेले घर से दूर पढ़ने के लिए भेजा जाए। मैंने अपने घर से डिग्री (graduation) तक की पढ़ाई तो पूरी कर ली ।
पर आगे का मेरे हाथ मे नहीं था । डिग्री का परिणाम देखने के बाद मेरे पिता जी ने कहा मैं तुम्हें घर से दूर हॉस्टल भेजना चाहता हूँ जहाँ तुम्हारी शिक्षा बेहतर हो । मेरे लिए वो दिन आज भी खास है। क्योंकि उसी का नतीजा है कि आज मेरा छ्ठी कक्षा का सपना जो पूरा हो गया। मगर उस दौरान मैंने बहुत उतार-चढ़ाव देखे। कभी किसी त्योहार में घर नहीं जा पाती, कभी बीमार होने पर भी अपने आप ही सब काम करना पड़ता। वैसी परिस्थिति में घर की बहुत याद आती। सोचती की पढ़ाई छोड़ के घर चली जाऊँ, जो मेरे लिए उचित नहीं होता। तभी मैं पिताजी की बातों को याद करती ” बेटा हिम्मत कभी नहीं हारते। हौसलों में ही तो उड़ान होती है। जिसके अंदर हौसला और जज्बा हो वही तो उड़ सकता है । परेशानी थोड़े समय के लिए ही होती है। अगर तुम उस थोड़े समय का सामना डट कर करोगी तो फिर तुम्हें कोई नहीं हरा सकता।” उनकी बातों को याद कर मैं फिर से दोगुने जोश से काम में लगती और उसे सफल बना ही देती।तभी मुझे एहसास हुआ कि दुनिया में तो असंभव कुछ भी नहीं है। दिल से अगर हम कुछ भी करना चाहें तो वो जरूर पूरा होता है।
मेरी जिंदगी, मेरी कहानी, मेरा अनुभव –डॉ.वर्षा कुमारी